Premium Only Content
Pravachan Shree Vishwamitra ji
परम पूज्य डॉ श्री विश्वामित्र जी महाराज जी के मुखारविंद से।
((1000))
धुन :
*भज मन मेरे आठो याम*
*राम राम राम राम राम राम राम,*
*भज मन मेरे आठो याम*
*राम राम राम राम राम राम राम ।।*
*श्री भक्ति प्रकाश भाग ५१७(517)*
*मन का प्रबोधन*
*भाग-६*
धन्यवाद देवियो । मां लक्ष्मी ने एकदा भगवान से पूछा प्रभु -एक जीव को परमानंद की प्राप्ति कैसे हो । परम शांति की प्राप्ति कैसे हो ? कोई सुगमतम ढंग बताइएगा । भगवान श्री मां लक्ष्मी को उत्तर देते हैं-
लक्ष्मी जो कोई अपने मन को परमेश्वर के सिमरन में तल्लीन रख सकता है, सिमरन में तल्लीन रखते हुए मन को नियंत्रित कर सकता है, वह परमानंद को प्राप्त होता है ।
पुनः सुनिए जो अपने मन को परमेश्वर के सिमरन में, राम सिमरन में तल्लीन करता हुआ अपने मन पर नियंत्रण रख सकता है, मन को नियंत्रित कर लेता है, वह परमानंद को प्राप्त कर लेता है । सिमरन तो साधक जनो हम सब लोग करते हैं । लेकिन हमारा मन तो अभी तक नियंत्रित नहीं हो पाया है । मन अनुशासित नहीं हो पाया है । इसीलिए हम सब उस परमानंद से, परम शांति से वंचित हैं ।
कल जिस सेठ की चर्चा चल रही थी, उसकी समस्या भी यही है । कौन सी ऐसी चीज जो मैंने मन को नहीं दी । मेरे पास सब कुछ है जो कुछ है । वह सब कुछ इसको मैंने दिया है । महात्मन् यह इतना चंचल है, इसके बावजूद भी यह अभी तक संतुष्ट नहीं है । और, और, और, और मांगता है । कृपा करके इसको संतुष्ट करने का मुझे ढंग सुझाइएगा ।
थोड़ी देर आंख बंद करने के बाद संत महात्मा लाला को कहते हैं -लाला परमेश्वर ने इस संसार में ऐसा कुछ नहीं बनाया जो निरुपयोगी हो । यदि काम ना होता तो सृष्टि समाप्त हो जाती । सृष्टि आगे बढ़ती ना ।
हां, अमर्यादित है तो, तो संत महात्मा कहते हैं अमृत भी विष हो जाता है । कुछ भी निरूपयोगी नहीं है । एक की विष्ठा दूसरे का स्वादु भोजन है । मानो परमेश्वर की सृष्टि में कुछ भी निरूपयोगी नहीं है, Nothing is useless हर एक की utility है ।
अतएव संत समझाते हैं, कहते हैं काम, क्रोध, मोह, लोभ, अभिमान, मद इत्यादि यह निरूपयोगी नहीं है । इन से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है । इन्हें मर्यादित करने की आवश्यकता है, इन्हें अनुशासित करने की आवश्यकता है । इसी को मन का नियंत्रण कहा जाता है, इसी को मन को अभिभूत करना, काबू करना कहा जाता है ।
संत महात्मा समझाते हैं कहते हैं -लाला, जिसको हम चंचल कहते हैं, वह चंचल नहीं है । हमने उसे बनाया है । वह तो बहुत विवेक युक्त है । विवेकी है । मन में जिज्ञासा उठती है । यह संत महात्मा कैसी कैसी बात हमें बता रहे हैं । कहते हैं मन क्या चाहता है लाला, यह जानने की कोशिश करो । मन परमात्मा की भक्ति चाहता है, परमात्मा की प्राप्ति चाहता है, भक्तिमय जीवन, साधनामय जीवन चाहता है, वह परम शांति चाहता है । ना जाने कितने युगों से वह भटकता आ रहा है । इस युग में भी, इस जन्म में भी, यदि वह इसी प्रकार का रहा, तो वह बहुत निराश जाएगा । अतएव जो भी कोई जन्म मिलता है, उसमें परमात्मा यही आप से साधना करवाता है । यही प्रयत्न करवाता है । हम सब से प्रयत्न करवाता है कि इस मन की भूख मिटाई जा सके । असली भूख इसकी परमात्मा है । यह संसार नहीं चाहता । आप इसे और संसार देते हो, और संसार देते हो । इससे उसकी भूख तृप्त नहीं होती । इससे उसकी प्यास बुझती नहीं है । वह और भटकता है । दोषी हैं तो हम दोषी हैं । उसका दोष बिल्कुल नहीं है । यदि हमने उसकी यह हालत करी हुई है, तो हम जिम्मेदार हैं । संत महात्मा, माताओ सज्जनो बहुत सुंदर उदाहरण देते हैं । और समझाते हैं ।
-
LIVE
LFA TV
9 hours agoLIVE & BREAKING NEWS! | TUESDAY 11/25/25
5,868 watching -
4:50
Captain Peach
6 days ago5 Ways Game Trailers Lie
4 -
18:06
We Got Receipts
16 hours agoLatest EBT Meltdowns That Are Actually Funny!
339 -
42:00
Based Campwith Simone and Malcolm
3 days agoNYT Brands Divorce as the Cool New Trend for Gen Z Girls
4.34K2 -
11:43
VSOGunChannel
18 hours ago $0.04 earnedThe Gun Control the Trump Admin is Fighting For
3.41K5 -
1:03:30
A Cigar Hustlers Podcast Every Day
1 day agoEpisode 416 Epstein Files w/Matt Booth
28 -
LIVE
BEK TV
22 hours agoTrent Loos in the Morning - 11/25/2025
196 watching -
LIVE
The Bubba Army
21 hours agoMAJORIE TAYLOR GREENE QUITS! - Bubba the Love Sponge® Show | 11/25/25
1,961 watching -
51:11
ZeeeMedia
14 hours agoBREAKTHROUGH: Nattokinase Dissolves 84% of Amyloid Microclots Within 2 Hours | Daily Pulse Ep 150
25.3K23 -
1:12:22
Coin Stories with Natalie Brunell
22 hours agoArnaud Bertrand on Changing World Order: U.S. vs China, Gold, Bitcoin & Dollar Hegemony
11.6K6