Mein madine Chala Naat By Owais Raza Qadir (slowe + reverb) naat

1 year ago
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Main Madine Chala Naat Lyrics In Hindi

 

मैं मदिने चला, में मदिने चला,

फिर करम हो गया मैं मदिने चला.

कैफ़ सा छा गया मैं मदिने चला,

झूमता झूमता मैं मदिने चला.

मेरे ाक़ा का दर्र होगा पेश-ए-नज़र,

चाहिए और क्या मैं मदिने चला.

दरकानो तुम्ही कहो वक़्त वो कैसा होगा,

सामने आँखों के जब गुंबद-ए-सब्ज़ हो गा.

गुंबद-ए-सब्ज़ पर जब परे गी नज़र,

क्या सुरूर आएगा मैं मदिने चला.

जब गुंबद-ए-खीज़रा पे वो, पहली नज़र गयी,

आँखों के रास्ते मेरे दिल में उत्तर गयी.

सब्ज़ गुंबद का नूवर ज़ंग कर दे गा दूर,

पाए गा दिल जिला, मैं मदिने चला.

अश्क थमते नही, पावं जमते नही,

लरखराता हुआ मैं मदिने चला.

मेरे सिद्दीक़ुए उमर हो सलाम आप पर,

और रहमत सदा मैं मदिने चला.

वो उहोद की ज़म्में जिस क अंदर मकीन,

मेरे हमज़ा पिया मैं मदिने चला.

उनका घाम चाशाम-ए-टार और सौज़-ए-जिगर,

अब तो डाई डाई खुदा (स्वत्) मैं मदिने चला.

साक़िया मई पीला मैं मदिने चला,

मस्त-ओ-बेखुद बना मैं मदिने चला.

आए शजार आ हज़ार तुम भी शम्स-ओ-क़मर,

डैखहो डैखहो ज़ररा मैं मदिने चला.

डैख तारे मुझे, यह नज़ारे मुझे,

तुम भी डैखहो ज़ररा मैं मदिने चला.

रूह-ए-मुज़तर ठहेर तू निकलना उधेर,

इतनी जल्दी भी क्या मैं मदिने चला.

हाथ उठ’तय रहाीन मुझको डैइत्े रहाीन,

वो तलब से साइवा मैं मदिने चला.

नूवर-ए-हक़ क हज़ूर अपने सारे कसूर,

बखस्वने चला मैं मदिने चला.

वो बाकी की ज़मीन जिस क अंदर मकीन,

मेरे मदनी ज़ीया मैं मदिने चला

उन क मीनार पर जब परे गी नज़र,

क्या सरूर आएगा मैं मदिने चला.

मिंबर-ए-नूवर पर जब उठे गी नज़र,

क्या सरूर आएगा मैं मदिने चला.

दर्द-ए-उलफत मिले ज़ौक़ बरहने लगे,

जब चले क़ाफ़िला मैं मदिने चला.

क्या करेगा इधेर बाँध रखत-ए-सफ़र,

चल ओबैद-ए-रज़ा मैं मदिने चला.

क्या यह तू ने कहा आ उबैद-ए-रज़ा,

सोच तो कुछ ज़ररा मैं मदिने चला.

मैं तो बस यून ही था मैं की औकात क्या,

क़ाफ़िया यह मिला मैं मदिने चला.

लुत्फ़ तो जब मिले मुझ से मुर्शिद कहीन,

चल ओबैद-ए-रज़ा मैं मदिने चला.

 

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