एक दिन की साधना | तीक्ष्ण त्रिशक्ति साधना

1 year ago
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एक दिन की साधना | तीक्ष्ण त्रिशक्ति साधना

इस ब्रह्माण्ड में आदिशक्ति के अनन्त रूप अपने-अपने सुनिश्चित कार्यों को गति प्रदान करने के लिए तथा ब्रह्माण्ड के योग्य सञ्चालन के लिए अपने नियत क्रम के अनुसार गतिशील है। इसी ब्रह्माण्डीय शक्ति के मूल तीन दृश्यमान स्वरूप को हम महासरस्वती‚ महालक्ष्मी तथा महाकाली के रूप में देखते हैं। तान्त्रिक दृष्टि से यही तीन शक्तियाँ सृजन, पालन तथा संहार क्रम की मूल शक्तियाँ हैं‚ जो कि त्रिदेव की सर्व कार्य क्षमता का आधार है।

ये ही त्रिदेवियाँ ब्रह्माण्ड की सभी क्रियाओं में सूक्ष्म या स्थूल रूप से अपना कार्य करती ही रहती हैं तथा ये ही शक्तियाँ मनुष्य के अन्दर तथा बाह्य दोनों रूप में विद्यमान हैं। मनुष्य के जीवन में होने वाली सभी घटनाओं का मुख्य कारण इन्हीं त्रिशक्तियों के सूक्ष्म रूप हैं।

क्रिया ज्ञान इच्छा स शक्तिः।

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