एक दिन की साधना | संकटमोचन हनुमानाष्टक प्रयोग

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एक दिन की साधना | संकटमोचन हनुमानाष्टक प्रयोग

हनुमानजी अपने आप में पूर्ण समर्थ, सक्षम और सर्व व्यापक देवता हैं। श्री तुलसीदासजी स्वयं हनुमानजी के ऋणी हैं --- श्रीराम दर्शन और रोग-मुक्ति दोनों के लिए। हनुमान के चरित्र में ऐसा कोई रहस्य अवश्य है, जिससे कि साधकों को तुरन्त सफलता प्राप्त हो जाती है। मैंने जीवन में यह अनुभव किया है कि किसी भी प्रकार की रोग-मुक्ति के लिए हनुमान साधना अपने आप में पूर्ण और श्रेष्ठ साधना है।

मानसिक और शारीरिक दोनों ही प्रकार के रोगों को समाप्त करने के लिए, जीवन में बुद्धि, बल, साहस एवं निर्भयता प्राप्त करने के लिए हनुमान साधना से बढ़कर कोई साधना नहीं है। आज का युग चंचल प्रवृत्ति का युग है। हम मन, वाणी और कर्म से चंचल एवं अधीर हो गए हैं। हम में पौरुषता और कर्मठता होनी चाहिए। वह आज के युग में कहीं पर भी दिखाई नहीं देती, इसीलिए जीवन में संयम प्राप्त करने के लिए और सभी दृष्टियों से पूर्णता प्रदान करने के लिए हनुमान साधना सर्वश्रेष्ठ और अद्वितीय है।

हनुमान जो अणिमा आदि समस्त सिद्धियों को जानने वाले हैं, जो योग के क्षेत्र में अपने आप में पूर्ण हैं, जो सेवा की दृष्टि से पूरे संसार के लिए उदाहरण हैं और जो पूर्ण धन, यश तथा वैभव प्रदान करने में समर्थ हैं -----

अष्ट सिद्धि नवनिधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता।।

वास्तव में ही हनुमान चंचल चित्त को स्थिर बनाने में समर्थ हैं। योग के द्वारा जो शक्ति और साहस प्राप्त होता है, वह हनुमानजी के द्वारा ही सम्भव है।

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