एक दिन की साधना | नवग्रह दोष निवारण पीताम्बरा साधना

1 year ago
3

एक दिन की साधना | नवग्रह दोष निवारण पीताम्बरा साधना

माता बगलामुखी को ही पीताम्बरा कहा जाता है। भगवती पीताम्बरा इस सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को चलाने वाली शक्ति हैं। नवग्रहों को भगवती के द्वारा ही विभिन्न कार्य सौंपे गये हैं, जिनका वो पालन करते हैं। नवग्रह स्वयं भगवती की सेवा में सदैव उपस्थित रहते हैं। जब साधक भगवती की उपासना करता है तो उसे नवग्रहों की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यदि साधक को उसके कर्मानुसार कहीं पर दण्ड भी मिलना होता है तो वह दण्ड भी भगवती की कृपा से न्यून हो जाता है एवं माँ पीताम्बरा अपने प्रिय भक्त को इतना साहस प्रदान करती हैं कि वह दण्ड साधक को प्रभावित नहीं कर पाता। इस सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में कोई भी इतना शक्तिवान नहीं है, जो माँ पीताम्बरा के भक्तों का एक बाल भी बाँका कर सके। कहने का तात्पर्य यह है कि कारण चाहे कुछ भी हो, भगवती बगलामुखी की उपासना आपको किसी भी प्रकार की समस्या से मुक्त करा सकती है।

भगवती बगलामुखी को स्तम्भन की देवी कहा गया है। स्तम्भनकारिणी शक्ति नाम रूप से व्यक्त एवं अव्यक्त सभी पदार्थो की स्थिति का आधार पृथ्वी के रूप में शक्ति ही है और बगलामुखी उसी स्तम्भन शक्ति की अधिस्ठात्री देवी हैं। इसी स्तम्भन शक्ति से ही सूर्यमण्डल स्थित है, सभी लोक इसी शक्ति के प्रभाव से ही स्तम्भित है।

इस साधना का प्रभाव तुरन्त ही साधक के जीवन में देखने को मिलता है। इस साधना की यह विशेषता है कि माँ पीताम्बरा नक्षत्र स्तम्भिनी भी कही जाती है और जब नक्षत्र स्तम्भिनी से हम प्रार्थना करते हैं तो हमारे सभी प्रकार के कार्य सहज ही सम्पन्न हो जाते हैं। अभी तक आपने पीताम्बरा जी की कई साधनाएँ सम्पन्न की होगी, परन्तु यह साधना आज के युग में अत्यन्त आवश्यक साधना मानी गई है। इस साधना से जहाँ नवग्रह देवता के दोष कम होते हैं, वैसे ही उनकी प्रचण्ड कृपा भी प्राप्त होती है और जीवन में कई प्रकार के लाभ होते हैं। इसी साधना से भाग्योदय भी सम्भव है। इसी साधना से कालसर्प-दोष, नक्षत्र-दोष, पितृ- दोष, कुण्डली में जितने भी दोष हों, उन सभी की समाप्ति निश्चित ही हो जाती है।

Loading comments...