Premium Only Content

एक दिन की साधना | नीलकंठ महादेव प्रयोग
एक दिन की साधना | नीलकंठ महादेव प्रयोग
तन्त्र के दो मुख्य स्तम्भ शिव और शक्ति हैं। इन्हीं के आधार पर ही शैव तथा शाक्त तन्त्र की रचना हुई है। भगवान शिव के सम्बन्ध में क्या कोई साधक की सम्पूर्ण अभिव्यक्ति कभी हो सकती है? शिव के विषय में कुछ भी कहना या लिखना अनन्त काल तक भी सम्भव नहीं हो पाएगा, क्योंकि ईर्ष्या रखने वाले देवताओं से हमेशा उपेक्षित रहने पर भी उन्होंने हमेशा सब के कल्याण की भावना रखते हुए पूर्ण देवत्व से युक्त बने रहे। वहीं उनकी अभेद दृष्टि देव वर्ग तथा राक्षस वर्ग दोनों के लिए समान रही। भोलेपन का सब से सर्वोत्तम स्वरुप भोलेनाथ भी यही है तो वहीं दूसरी ओर महाकाल रूप में वे विनाश का पूर्ण स्वरुप। उनकी विविधता अनन्त है और यही विविधता उनकी पूर्णता को भी दर्शाती है। क्योंकि अपने साधकों के कल्याण के लिए वे हमेशा उपस्थित रहते ही हैं। भावप्रधान होने के कारण वे शीघ्र ही प्रसन्न भी हो जाते हैं तथा मनोवांछित वरदान की प्राप्ति भी तो इनके माध्यम से ही सम्प्पन होती है।
इसीलिए प्रायः पुराणों में उदहारण प्राप्त होते हैं कि शिव की उपासना से ही विविध देवता तथा विविध दैत्यों ने भोग तथा मोक्ष दोनों ही क्षेत्रों में पूर्णता को प्राप्त किया। तान्त्रिक क्षेत्र में तो इनकी उपासना के विविध मार्गों के सम्बन्ध में विविध तन्त्रचार्यों ने कई-कई बार कहा है। अघोर, कापालिक, कश्मीरी शैव, लिंगायत, कालमुख, लाकुल इत्यादि कई-कई प्रचलित मत शैव साधनाओं के लिए प्रसिद्ध है तथा इन विविध मार्गों में शैव साधनाओं के सम्बन्ध में अद्भुत से अद्भुत विधान शामिल है। इस प्रकार भगवान शिव के विविध स्वरूपों की तान्त्रिक उपासना तथा प्रयोग पद्धति में विविधता अपने आप में समुद्र की तरह ही है, जिसकी हर एक बूँद अमूल्य है। क्योंकि उनकी कृपा प्राप्त होने का अर्थ ही तो पूर्णता की ओर गतिशील होना ही है।
भगवान शिव का ऐसा ही एक दिव्य स्वरुप है ‘नीलकण्ठ’। इसके पीछे की पौराणिक कथा विश्व विख्यात है, लेकिन कथा का सार भगवान शिव का सामर्थ्य तथा कल्याण की भावना को प्रदर्शित करता है। वस्तुतः यह विशुद्ध चक्र का प्रतीक भी है, जिसके माध्यम से निरन्तर आन्तरिक रूप से शरीर की शुद्धि होती है तथा अनावश्यक तत्व अर्थात विष को शरीर से अलग करने की प्रक्रिया होती है। यह प्रतीक इस बात का भी सूचक है कि भगवान शिव का यह स्वरुप मनुष्य के जीवन के सभी विष को दूर कर जीवन में पूर्ण सुख-भोग की प्राप्ति करा सकते हैं। भगवान शिव के इसी नीलकण्ठ स्वरुप से सम्बन्धित कई प्रयोग है, लेकिन गृहस्थ साधकों के लिए प्रस्तुत प्रयोग ज्यादा अनुकूल है।
इस प्रयोग के माध्यम से साधक को शत्रुओं से रक्षण प्राप्त होता है, अगर साधक के विरुद्ध कोई षड्यन्त्र हो रहा है तो साधक उससे सुरक्षित निकल जाता है तथा किसी भी प्रकार की हानि नहीं होती। साथ ही साथ आकस्मिक रूप से आने वाली बाधा के समय भी साधक को पूर्ण रक्षण प्राप्त होता है। किसी भी प्रकार की यात्रा आदि में अकस्मात या अकालमृत्यु का भय नहीं रहता। साधक के जीवन में उन्नति प्राप्त होती है, भौतिक दृष्टि से भी सम्पन्नता को प्राप्त करने के लिए यह प्रयोग साधक को विशेष अनुकूलता प्रदान करता है। इस प्रकार प्रयोग से साधक को कई लाभों की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही साथ यह सहज प्रयोग भी है, इसलिए इस प्रयोग को करने में नए साधकों को भी किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं होती है।
-
LIVE
Kim Iversen
1 hour agoAre The "Fat Generals" Just A Cover For War With Iran?
1,589 watching -
LIVE
The Trish Regan Show
46 minutes ago🚨 BREAKING: TRUMP'S REVENGE! MASS FIRINGS in RETALIATION for Schumer-Schiff Led Govt Shutdown!
650 watching -
DVR
TheCrucible
2 hours agoThe Extravaganza! EP: 45 (9/30/25)
17.1K5 -
51:44
Candace Show Podcast
1 hour agoDEAD OR ALIVE: Who Betrayed Charlie Kirk? | Ep 245
7.58K58 -
1:40:32
Redacted News
2 hours ago"This was 100% a CIA hit!" Charlie Kirk's Assassination Story COLLAPSES Amid New Evidence | Redacted
88.1K108 -
39:40
The White House
4 hours agoPresident Trump Signs Executive Orders, Sep. 30, 2025
19.1K30 -
1:06:26
vivafrei
4 hours agoLive with Alexa Lavoie! ANTIFA in Canadian Government? RCMP the New Gestapo? AND MORE!
128K43 -
40:38
Dad Saves America
1 day agoLeft Is Right, Up Is Down: The Overton Window Has Been Shattered
5.52K3 -
LIVE
LFA TV
19 hours agoBREAKING NEWS ALL DAY! | TUESDAY 9/30/25
858 watching -
LIVE
freecastle
6 hours agoTAKE UP YOUR CROSS- May the forces of evil become confused on the way to your house.
169 watching