1. जब तक संसार में स्वार्थ हेतु पूजा होती रहेगी

    जब तक संसार में स्वार्थ हेतु पूजा होती रहेगी

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  2. अधिकांश व्यक्ति ईश्वर के प्रति केवल इसलिए समर्पित है

    अधिकांश व्यक्ति ईश्वर के प्रति केवल इसलिए समर्पित है

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  3. दुख पीड़ा मोह ये सब अलग नहीं है

    दुख पीड़ा मोह ये सब अलग नहीं है

    18
  4. ज्ञान मनुष्य को परम सत्य की ओर ले जाता है

    ज्ञान मनुष्य को परम सत्य की ओर ले जाता है

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  5. पवित्र मन वाली स्त्री

    पवित्र मन वाली स्त्री

    20
  6. तुम अभी मेरे द्वार मृत्यु के पात्र नहीं बने हो

    तुम अभी मेरे द्वार मृत्यु के पात्र नहीं बने हो

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  7. धन आवाश्यक है ऋषि अत्र्रि

    धन आवाश्यक है ऋषि अत्र्रि

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  8. कोई भी किसी से बड़ा या छोटा नहीं होता

    कोई भी किसी से बड़ा या छोटा नहीं होता

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  9. पति धर्म और पत्नी धर्म

    पति धर्म और पत्नी धर्म

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