1. अधिकांश व्यक्ति ईश्वर के प्रति केवल इसलिए समर्पित है

    अधिकांश व्यक्ति ईश्वर के प्रति केवल इसलिए समर्पित है

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  2. या तो तुम में भय वाश कर सकता है या तो मेरी शक्तिया

    या तो तुम में भय वाश कर सकता है या तो मेरी शक्तिया

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  3. जो अपनी माता पिता की निस्वार्थ सेवा करता है

    जो अपनी माता पिता की निस्वार्थ सेवा करता है

    32
  4. दुख पीड़ा मोह ये सब अलग नहीं है

    दुख पीड़ा मोह ये सब अलग नहीं है

    18
  5. कोई भी किसी से बड़ा या छोटा नहीं होता

    कोई भी किसी से बड़ा या छोटा नहीं होता

    15
  6. व्यक्ति अगर ये सोचे कि उसके दुःख का कारण कोई और है

    व्यक्ति अगर ये सोचे कि उसके दुःख का कारण कोई और है

    38
  7. ‼️मंगलवार सुबह आपको प्रणाम🙏 आज का दिन आपका मंगलमय होगा ‼️

    ‼️मंगलवार सुबह आपको प्रणाम🙏 आज का दिन आपका मंगलमय होगा ‼️

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  8. भक्त हो तो नन्दी जैसा

    भक्त हो तो नन्दी जैसा

    29
  9. तुम अभी मेरे द्वार मृत्यु के पात्र नहीं बने हो

    तुम अभी मेरे द्वार मृत्यु के पात्र नहीं बने हो

    22
  10. मैं वो हूँ जो नहीं है

    मैं वो हूँ जो नहीं है

    15
  11. जो मेरे सच्चे भक्त है

    जो मेरे सच्चे भक्त है

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  12. अन्धकार में हो तुम

    अन्धकार में हो तुम

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  13. संसार के प्रत्येक संतान में तुम मुझसे ही पाओगे

    संसार के प्रत्येक संतान में तुम मुझसे ही पाओगे

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    1
  14. तुम अकेले कभी नहीं थे

    तुम अकेले कभी नहीं थे

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    1
  15. जब तक संसार में स्वार्थ हेतु पूजा होती रहेगी

    जब तक संसार में स्वार्थ हेतु पूजा होती रहेगी

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  16. पवित्र मन वाली स्त्री

    पवित्र मन वाली स्त्री

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  17. ज्ञान मनुष्य को परम सत्य की ओर ले जाता है

    ज्ञान मनुष्य को परम सत्य की ओर ले जाता है

    21
  18. भटकने का अर्थ है पाप की ओर अग्रसर होना

    भटकने का अर्थ है पाप की ओर अग्रसर होना

    18
  19. महादेव को पाना मतलब सब कुछ पाना

    महादेव को पाना मतलब सब कुछ पाना

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  20. पति धर्म और पत्नी धर्म

    पति धर्म और पत्नी धर्म

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  21. धन आवाश्यक है ऋषि अत्र्रि

    धन आवाश्यक है ऋषि अत्र्रि

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