1. तुम अकेले कभी नहीं थे

    तुम अकेले कभी नहीं थे

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    1
  2. जो अपनी माता पिता की निस्वार्थ सेवा करता है

    जो अपनी माता पिता की निस्वार्थ सेवा करता है

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  3. अन्धकार में हो तुम

    अन्धकार में हो तुम

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  4. Mean Comments Reaction: My turn to Talk Sh!t Back :)

    Mean Comments Reaction: My turn to Talk Sh!t Back :)

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  5. पवित्र मन वाली स्त्री

    पवित्र मन वाली स्त्री

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  6. या तो तुम में भय वाश कर सकता है या तो मेरी शक्तिया

    या तो तुम में भय वाश कर सकता है या तो मेरी शक्तिया

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  7. तुम अभी मेरे द्वार मृत्यु के पात्र नहीं बने हो

    तुम अभी मेरे द्वार मृत्यु के पात्र नहीं बने हो

    22
  8. ज्ञान मनुष्य को परम सत्य की ओर ले जाता है

    ज्ञान मनुष्य को परम सत्य की ओर ले जाता है

    21
  9. जब तक संसार में स्वार्थ हेतु पूजा होती रहेगी

    जब तक संसार में स्वार्थ हेतु पूजा होती रहेगी

    42
  10. धन आवाश्यक है ऋषि अत्र्रि

    धन आवाश्यक है ऋषि अत्र्रि

    11
  11. Meri Prarthna Karne Ke Liye By Mahadev||Mahakal||Bholenath||ShivShankar

    Meri Prarthna Karne Ke Liye By Mahadev||Mahakal||Bholenath||ShivShankar

    59
  12. दुख पीड़ा मोह ये सब अलग नहीं है

    दुख पीड़ा मोह ये सब अलग नहीं है

    18
  13. कोई भी किसी से बड़ा या छोटा नहीं होता

    कोई भी किसी से बड़ा या छोटा नहीं होता

    15
  14. व्यक्ति अगर ये सोचे कि उसके दुःख का कारण कोई और है

    व्यक्ति अगर ये सोचे कि उसके दुःख का कारण कोई और है

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  15. Ek Matra Jeevit Shivling||Mahadev||Bholenath||Kashi Vishwanath

    Ek Matra Jeevit Shivling||Mahadev||Bholenath||Kashi Vishwanath

    5
  16. भक्त हो तो नन्दी जैसा

    भक्त हो तो नन्दी जैसा

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