1. महादेव को पाना मतलब सब कुछ पाना

    महादेव को पाना मतलब सब कुछ पाना

    24
  2. Ek Matra Jeevit Shivling||Mahadev||Bholenath||Kashi Vishwanath

    Ek Matra Jeevit Shivling||Mahadev||Bholenath||Kashi Vishwanath

    5
  3. या तो तुम में भय वाश कर सकता है या तो मेरी शक्तिया

    या तो तुम में भय वाश कर सकता है या तो मेरी शक्तिया

    42
  4. जब तक संसार में स्वार्थ हेतु पूजा होती रहेगी

    जब तक संसार में स्वार्थ हेतु पूजा होती रहेगी

    42
  5. Shiv Puran l Rudra Samhita l Yuddh Khand - Bhag 5 l शंखचूड़ का जन्म, तप तथा उसे वर प्राप्ति

    Shiv Puran l Rudra Samhita l Yuddh Khand - Bhag 5 l शंखचूड़ का जन्म, तप तथा उसे वर प्राप्ति

    11
  6. Meri Prarthna Karne Ke Liye By Mahadev||Mahakal||Bholenath||ShivShankar

    Meri Prarthna Karne Ke Liye By Mahadev||Mahakal||Bholenath||ShivShankar

    59
  7. ज्ञान मनुष्य को परम सत्य की ओर ले जाता है

    ज्ञान मनुष्य को परम सत्य की ओर ले जाता है

    21
  8. पति धर्म और पत्नी धर्म

    पति धर्म और पत्नी धर्म

    9
  9. पवित्र मन वाली स्त्री

    पवित्र मन वाली स्त्री

    20
  10. कोई भी किसी से बड़ा या छोटा नहीं होता

    कोई भी किसी से बड़ा या छोटा नहीं होता

    15
  11. अधिकांश व्यक्ति ईश्वर के प्रति केवल इसलिए समर्पित है

    अधिकांश व्यक्ति ईश्वर के प्रति केवल इसलिए समर्पित है

    37
  12. पिता बनकर तुम्हें क्या मिला : महादेव

    पिता बनकर तुम्हें क्या मिला : महादेव

    5
    1
  13. तुम अकेले कभी नहीं थे

    तुम अकेले कभी नहीं थे

    41
    1
  14. संसार के प्रत्येक संतान में तुम मुझसे ही पाओगे

    संसार के प्रत्येक संतान में तुम मुझसे ही पाओगे

    11
    1
  15. जो अपनी माता पिता की निस्वार्थ सेवा करता है

    जो अपनी माता पिता की निस्वार्थ सेवा करता है

    8
  16. धन आवाश्यक है ऋषि अत्र्रि

    धन आवाश्यक है ऋषि अत्र्रि

    11
  17. महादेव को तो केवल पाया जा सकता है

    महादेव को तो केवल पाया जा सकता है

    9
  18. अन्धकार में हो तुम

    अन्धकार में हो तुम

    39
  19. तुम अभी मेरे द्वार मृत्यु के पात्र नहीं बने हो

    तुम अभी मेरे द्वार मृत्यु के पात्र नहीं बने हो

    22
  20. दुख पीड़ा मोह ये सब अलग नहीं है

    दुख पीड़ा मोह ये सब अलग नहीं है

    18
  21. भटकने का अर्थ है पाप की ओर अग्रसर होना

    भटकने का अर्थ है पाप की ओर अग्रसर होना

    18
  22. जो मेरे सच्चे भक्त है

    जो मेरे सच्चे भक्त है

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